सेतुबंधासन करने का तरीका, फायदे, सावधानियां और रूपांतर | Setu Bandhasana in Hindi |

Setu Bandhasana: सेतुबंधासन नाम सेतु और बँध शब्द से मिलकर बना है।  बँध का अर्थ बाँधना या ताला होता है और सेतु का मतलब पुल होता है।  सेतुबंधासन में अपने शरीर को एक पुल की तरह बाँध कर या रोक कर रखते है इसलिए इसका नाम यह पड़ा। 

इस आर्टिकल में आप सेतुबंधासन के फायदे, इसे करने का तरीका और करते वक्त जिन सावधानियों को ध्यान में रखना है उसके बारे में बताया गया है।  इसी के साथ इसके  रूपांतर “एक पदा सेतु बाँधा सर्वांगासन” के बारे में भी बताया गया है जो इसी की तरह लाभदायक है। 

इसे करने से  पहले आप निम्नलिखित आसन कर सखते है 

  1. वीरासन
  2. भुजंगासन 
  3. ऊर्ध्व मुख श्वानासन

इसे करने के बाद आप निम्नलिखित आसन कर सखते है 

  1. ऊर्ध्व मुख श्वानासन
  2. चक्रसाना
  3. सर्वांगासन 
  4. भुजंगासन 

Also See:- The Complete Guide on Bridge Pose 2020

सेतुबंधासन करने का तरीका | How to do Setu Bandhasana|

सेतुबंधासन-करने-का-तरीका-How-to-perform-setu-bandhasan-in-hindi

लेटकर अपने घुटनों को मोड़ें

अपनी पीठ के बल लेट जाये  और यदि आवश्यक हो तो अपनी गर्दन की रक्षा के लिए अपने कंधों के नीचे एक मुड़ा हुआ कंबल रखें। फिर अपने घुटनों को मोड़कर अपने पैरों को फर्श पर रखें, अपनी एड़ी को कूल्हों के करीब जितना संभव हो रखें।  Step-1-setu-bandhasan-लेटकर अपने घुटनों को मोड़ें

घुटनों और टखनों को एक सीधी रेखा में रखे

याद रखें कि आपके घुटनों और टखनों को एक सीधी रेखा में होना चाहिए। Set-2-Setu-bandhasan-घुटनों और टखनों को एक सीधी रेखा में रखे

अपने नितंबों को फर्श से उठाएं

अपने हाथो को अपनी पीठ  के नीचे रखकर उन पर वजन डालकर अपने कूल्हों को धीरे धीरे उठाये। इस समय अपनी सांस को अंदर खींचें।. Step-3-setu-bandhasan-अपने नितंबों को फर्श से उठाएं

30 सेकंड के लिए इस आसन को करे

अपने पैरो को मजबूती से रखे और अपनी पीट को उतना ही मोड़े जितना आपको आरामदायक लगे। ऐसा करने के बाद दोनों हाथो को पीठ के नीचे जोड़ लें और अपनी नाक की तरफ देखे। Step-4-setu-bandhasan-30 सेकंड के लिए इस आसन को करे

सांस छोड़ेंते हुए धीरे-धीरे फर्श पर वापस आये

इस आसन में 10 -30  सेकेंड  रहे और फिर सांस छोड़ते हुए अपने  हाथो को वापिस अपनी जगह पर रखे, धीरे-धीरे अपनी पीठ को चटाई पर ले आये और आखिर में अपने घुटनों को एक साथ छोड़ दें। Step-5-setu-bandhasan-सांस छोड़ेंते हुए धीरे-धीरे फर्श पर वापस आये

यदि आप फर्श से अपनी  पीठ को उठाने में असमर्थ हैं या कोई कठिनाई हो रही है तो अपनी पीठ के नीचे एक  ब्लॉक रखें। 

इन परिस्थितियो में सेतुबंधासन न करे  | Contraindications of Setu Bandhasana |

यदि आप नीचे दिए गयी परिस्थितियो से पीड़ित हैं तो इस आसन को बिल्कुल न करे।  

  • यदि पीठ या गर्दन में चोट आयी हो तो इस आसन को न करे 
  • इस आसन के दौरान अपने  सिर को  दाएं या बाएं न मोड़ें
  • यदि कंधे पर चोट हो तो इसे न करे। 

सेतुबंधासन के फायदे | Benefits of Setu Bandhasana |

सेतुबंधासन-के-फायदे-Setu-Bandhasan-In-Hindi

सेतुबंधासन करने  के  लाभ :-

  • यह पीठ, छाती और गर्दन में खिंचाव लाने में मदद करता है 
  • थके  हुए  पैरों को पुनर्जीवित करता है
  • यह रजोनिवृत्ति ( menopause ) के लक्षणों को कम करने में मदद करता है (महिलाओं में मासिक धर्म को कम करना)
  • यह मस्तिष्क को शांत करता है और हल्के तनाव और अवसाद को दूर करने में मदद करता है
  • थकान, भय या चिंता, अनिद्रा और पीठ दर्द को कम करता है
  • पाचन शक्ति को बढ़ाता है 
  • यह सक्रिय, दृढ और कायाकल्प है
  • यह  तनाव भी कम कर सकता है ऐसा हमारे एक योग विशेषज्ञों  ने कहा है। 

Also see:- How To Get Relaxed In 4 Minutes With Child Pose?

एक पदा सेतु बाँधा सर्वांगासन  | Variations of Setu Bandhasana |

एक पदा सेतु बाँधा सर्वांगासन इस आसन का एक रूपांतर है, जिसे हम निम्नलिखित चरणों की मदद से कर सखते  है। 

  1. सबसे पहले सेतुबंधासन में रहे 
  2. फिर सेतुबंधासन में ही सांस छोड़ते हुए अपने दाहिने घुटने को फर्श से 90 डिग्री तक उठाये 
  3. आगे सांस लेते हुए उस पैर को पूरा सीधा कर ले
  4. 30 सेकंड के लिए रुके और साँस छोड़ते हुए अपने पैर को फर्श पर वापिस ले आये। 
  5. फिर बाएं पैर के लिए भी ऊपर दिए गए चरणों को दोहराहे।